Intermittent Fasting: Boosts Energy and Improves Focus!!

वर्तमान समय के गलत खानपान से Diabetes , High BP , ह्रदय रोग और लिवर डिजीज हो सकते हैं। अधिक जंक फूड्स खाने से वजन बढ़ना और भी कई बीमारियां चिंता का विषय बन जाती हैं , ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जाए। व्यायाम, डाइटिंग करना उचित है एक और तरीका है, जिसका नाम इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) है। इस पोस्ट की साहयता से आइए जानते हैं कि Intermittent Fasting क्या है

Intermittent Fasting
Intermittent Fasting for health

Intermittent Fasting

शरीर को स्वस्थ रखने लिए किए जाने वाले उपवास को Intermittent Fasting कहते हैं । इसमें उपवास का एक निर्धारित समय होता है। व्यक्ति सुविधा अनुसार निर्धारित समय का चुनाव कर इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू कर सकता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। यह शरीर का वजन, शरीर की सूजन को कम करने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है।

Benefit of Intermittent Fasting

  1. ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए Intermittent Fasting बहुत मदद करती है इससे ह्रदय रोग में काफी आराम मिलता है।
  2. Intermittent Fasting हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद है।

3 . डयबिटीज में काफी प्रभावी रूप से Intermittent Fasting असर करती है

4 . इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से कोशिकाओं को रिपेयर करने और ऑटोफैगी (Autophagy) में सुधार करने में मदद मिलती है। ऑटोफैगी, कोशिकाओं से जुड़ी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त कोशिकाएं साफ होती हैं और नई तथा स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण होता है।

5. इंटरमिटेंट फास्टिंग से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर करने में मदद मिलती है।

6. इंटरमिटेंट फास्टिंग, कोर्टिसोल को बढ़ाने में मदद करती है। कोर्टिसोल, एक हॉर्मोन होता है, जो तनाव के साथ-साथ शरीर से जुड़ी कई समस्याओं में लाभदायक होता है

Note –

  • Intermittent Fasting से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लें।
  • फास्टिंग के दौरान खुद को हायड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • उपवास के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम किए जा सकते हैं।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग तोड़ने के लिए हल्की डाइट लें।
  • कभी भी भारी आहार से अपना उपवास न तोड़ें।
  • लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें या इसकी आदत न बनाएं।
  • किसी को अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
  • Intermittent Fasting के दौरान और बाद में जंक फूड्स खाने से बचें।
  • अगर किसी का वजन ज्यादा कम है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
  • गंभीर स्वास्थ्य समस्या में यह फास्टिंग न करें।
  • गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं इंटरमिटेंट फास्टिंग से दूर रहें।
  • बच्चे और किशोर इस फास्टिंग को न करें।
  • अगर कोई ब्लड प्रेशर या ह्रदय रोग से संबंधित दवाइयां ले रहा है, तो इस फास्टिंग को करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

Side Effects of Intermittent Fasting

  • सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
  • कब्ज की परेशानी हो सकती है।
  • खाने की इच्छा बढ़ सकती है।
  • चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।
  • कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • Intermittent Fasting व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है, लेकिन Fasting की टाइमिंग 16 घंटे से ज्यादा न हो ।

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Intermittent Fasting करते समय ध्यान रखें

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कैलोरी का ध्यान रखें भोजन की मात्रा को सीमित करके या कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करके शरीर में कैलोरी को नियंत्रित करें।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले शुरुआत में उपवास की अवधि को कम रख सकते हैं। साथ ही हफ्ते में एक या दो बार ही उपवास रखें।
  •  उपवास की अवधि को इस तरह से निर्धारित करें कि उस दौरान 7 से 8 घंटे की नींद मिल सके। ध्यान रहे कि सोने से तीन-चार घंटे पहले भोजन करें। उसके बाद सात से आठ घंटे की अच्छी नींद लें। इससे व्यक्ति 12 घंटे तक आसानी से उपवास कर पाएगा। अगर इस बीच उपवास की अवधि को बढ़ाना है, तो उठने के बाद एक से दो घंटे तक कुछ न खाएं।
  • खुद को हायड्रेट रखें – उपवास के दौरान व्यक्ति को खुद को हायड्रेट रखना भी जरूरी है। ध्यान रहे कि उपवास के दौरान सही मात्रा में पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें।

Type of Intermittent Fasting

इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का सही तरीका –

  1. 16 By 8 Intermittent Fasting –  इसमें 16 घंटे तक उपवास किया जाता है और 8 घंटे का वक्त खाने के लिए रखा जाता है मतलब अगर कोई व्यक्ति सुबह 9 बजे अपना नाश्ता करता है, तो वो पूरे दिन का आखिरी भोजन शाम को 5 करेगा । उसके बाद फिर व्यक्ति को अगली सुबह तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करना जारी रहेगा
  2. 5:2 Intermittent Fasting :  इसमें सप्ताह में पांच दिनों तक बिना किसी प्रतिबंध के भोजन का सेवन करना होता है। फिर सप्ताह में किसी भी दो दिन के लिए कैलोरी युक्त आहार का सेवन कम या न के बराबर करने की सलाह दी जाती है। इसमें उपवास के दिनों में व्यक्ति को 20-25% ऊर्जा की जरूरत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस दौरान कैलोरी युक्त आहार का सेवन करना चाहता है तो वो 500 कैलोरी से अधिक न लें। याद रहे दो दिन का ये उपवास लगातार न हो ।
  3. Alternate Intermittent Fasting – इसमें लगातार उपवास रखने के बजाय हफ्ते में हर दूसरे दिन Intermittent Fasting की जाती है ।
  4. Ramjan Intermittent Fasting – रमजान के महीने में किया जाने वाला उपवास भी इंटरमिटेंट फास्टिंग की श्रेणी में आता है। इसमें सूर्योदय के पहले हल्का भोजन किया जाता है, तथा सूर्यास्त के बाद ज्यादा भोजन का सेवन किया जाता है।
  5. 24 hr Intermittent Fasting – इसमें 1 या 2 दिन के लिए 24 घंटे के उपवास कर सकता है। पहले दिन शाम 7 बजे भोजन करें और अगले दिन शाम 7 बजे तक उपवास करें।
  6. 36 hrs Intermittent Fasting– इसमें पहले दिन रात का खाना खाएं , अगले दिन पूरे दिन उपवास और तीसरे दिन नाश्ता करें । इसे करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

Note

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हाई फाइबर युक्त आहार (साबुत फल, अनाज और सब्जियां) का सेवन किया जा सकता है।
  • नाश्ते में फलों और इनके जूस का सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे, खाद्य पदार्थ पोषण से भरपूर हों और इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग में सीमित मात्रा में कैलोरी युक्त आहार लें।
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर में डिहायड्रेशन की समस्या न हो।

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