Political Party join karne wale karykarta ko kitni salary miltai hai?

जो कार्यकर्ता नेता के करीब होते है एवं वाकपटू है वे निकटता का पूरा लाभ उठाते है। सरकारी दफ्तरों में काम निकलवाना। दलाली करना भी एक कार्य है। इसके अलावा बड़ा नेता बनने के लिए शुरुआत कार्यकर्ता से ही होती है। महापालिका , ग्राम सभा, ग्राम पंचायत के चुनाव में टिकट मिलने से शुरुआत होती है एवं धीरे धीरे, विधान सभा या लोकसभा तक पहुंचते है।

Political Party join karne wale karykarta ko kitni salary miltai hai?
Political Party join karne wale logo ko kitni salary miltai hai?

भारत में कोई भी राजनीतिक पार्टी अपने कार्य कर्ताओं को तन्खाह देती होगी, तो फिर राजनीतिक कार्यकर्ताओं की आर्थिक ज़रूरतें कैसे पूरी होती हैं ?

शासन कर रही राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता ना सिर्फ़ अपनी आर्थिक ज़रूरतें आसानी से पूरा कर लेते हैं बल्कि भविष्य में आने वाली आर्थिक ज़रूरतें भी पूरी कर लेते हैं ।

एक पार्टी के कार्यकर्ता को कोई वेतन नही मिलता है। पार्टी कार्यालय में सिर्फ कुछ कर्मचारियों को ही वेतन मिलता है जो कि परमानेंट रोल पर होते है।

कार्यकर्ता स्वेच्छिक रूप से ही कार्य करते है। चुनाव या रैलीयों में अवश्य व्यवस्था करने एवं खाने पीने के व्यवस्था की जाती है।

लेकिन कार्यकर्ता पार्टी से जुड़ता क्यों है। उसका असली कारण है रुतबा। जो कार्यकर्ता नेता के करीब होते है एवं वाकपटू है वे निकटता का पूरा लाभ उठाते है। सरकारी दफ्तरों में काम निकलवाना। दलाली करना भी एक कार्य है। इसके अलावा बड़ा नेता बनने के लिए शुरुआत कार्यकर्ता से ही होती है। महापालिका , ग्राम सभा, ग्राम पंचायत के चुनाव में टिकट मिलने से शुरुआत होती है एवं धीरे धीरे, विधान सभा या लोकसभा तक पहुंचते है।

केवल आरएसएस एवं कम्युनिस्ट कैडर ही ऐसा है जी निस्वार्थ भाव से कार्य करता है एवं पार्टी के प्रति समर्पित रहता है। भाजपा का अपना पार्टी कैडर तो कांग्रेस जैसा ही है।

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